जिनके भरोसे कांग्रेस हाई कमान राज्य में अपनी स्थिति मजबूत करने की सोच रहा था, उन्हीं माननीयों ने चंपावत उपचुनाव में कांग्रेस की ऐसी-कम-तैसी कर दी।
उपचुनाव परिणाम से तो ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस के हाई कमान को लोअर कमांडर ही डुबोने में लगे हुए हैं।
जहां कांग्रेस के दिल्ली हाईकमान वालों ने सोचा था कि 2022 के विधानसभा चुनाव में उसको अपेक्षाकृत कुमाऊ से अच्छा खासा मत प्राप्त हुआ है और जिससे भविष्य में कॉन्ग्रेस कुछ मजबूती के साथ आगामी लोकसभा चुनाव में इस मंडल की दो लोकसभा सीट पर उतरेगी और जिसके लिए हाईकमान ने राज्य स्तर के तीन सर्वोच्च पद के नेता प्रतिपक्ष, उप नेता और प्रदेश अध्यक्ष तक अपनी पुरानी परंपरा से हटकर कुमाऊं मंडल से ही बना दिए बावजूद उसके चंपावत उपचुनाव में कांग्रेस को मात्र दो प्रतिशत ही वोट मिले और आगामी लोकसभा में भी मनोवैज्ञानिक हार मानी जा रही है।
ऐसे में जब उपचुनाव में यह हालात कांग्रेस के तीन तीन पद देने के बावजूद भी हो चुके हैं तो अंदाजा लगा सकते हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की कितनी बुरी गत इस कुमाऊं मंडल की 2 लोकसभा सीटों क्रमशः अल्मोड़ा और नैनीताल में होने वाली है।
अब इस उपचुनाव परिणाम से तो जागरुक हाइकमान जरूर सबक लेगा।