पहले बनाया और अब फंसा रहे हैं
यदि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह चाहते तो जिला चमोली की पंचायत अध्यक्ष सीट पर कांग्रेस के बजाए भाजपा का प्रत्याशी होता।
अब पछताए क्या होत जब चिड़िया चुग गई खेत।
पहले तो जिला चमोली में भाजपा के तीनों विधायक एकजुट नहीं हैं ऊपर से मुख्यमंत्री का भी पर्याप्त साथ न होने से सबसे पहले 2018 में तत्कालीन भाजपा पंचायत अध्यक्ष मुन्नी देवी शाह के थराली विधायक बनने के बाद कांग्रेस ने ये सीट भाजपा से छीन ली।
उसके बाद 2019 के पंचायती चुनाव में पिंडर वैली के पांच सदस्य खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र से मिलने गए , बावजूद इसके इन पांचों सदस्यों ने जिला पंचायत अध्यक्ष सीट पर भाजपा प्रत्याशी के बजाए कांग्रेस के पूर्व काबीना मंत्री राजेन्द्र सिंह भंडारी की पत्नी और पूर्व पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को वोट दिया। जो अब आगामी विधानसभा चुनाव में जिले की तीनों विधानसभा में पार्टी के लिये ख़तरा बनता जा रहा है।
इसके लिए सरकार ने 2012 में हुई नंदा देवी राजजात के कामों को खोलना शुरू कर दिया है। जबकि 2014 से 2018 तक भाजपा की ही मुन्नी देवी शाह इस सीट पर अध्यक्ष पद पर थी।
वहीं आपको याद दिलाएं कि जो भंडारी आज भाजपा के लिए सरदर्द बन गये हैं, उन्हें इतना मजबूत भी भाजपा ने ही किया।
