गवाही के लिए उधमसिंहनगर आए थे लेकिन रात 11 बजे अचानक तबियत खराब होने से हुई मृत्यु।
राज्य का जाना माना मुआवजा वितरण से सम्बंधित घोटाला जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत कई अधिकारी आरोपों की जद में आए, के साथ ही भाजपा के ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पर भी मामले को दबाने की बात भी उठी थी।
इसके अलावा कुछ साल पहले इसी एनएच 74 मामले की जांच करने वाले एक अधिकारी को धमकी वाली खबरें भी खूब उठी थी पर सरकार को चार साल बीत गए हैं पर ये मामला आज भी जांच के हेरफेर में ही चल रहा है।
इसी बीच उसी एनएच 74 मामले के एक मुख्य आरोपी सहायक चकबंदी अधिकारी रहे गणेश निरंजन की मृत्यु हो गई है। अब देखते हैं कि इस मामले में आने वाले समय में लटकी जांच से पहले और क्या-क्या खबरें सुनने को मिलती है, जिससे जीरो टॉलरेंस सरकार पर भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने की मोहर लग सके।
योगेश डिमरी, संपादक
